Monday, April 13, 2020

肺炎疫情:英国首相父亲称“约翰逊差点为集体牺牲自己”

英国首相约翰逊的父亲表示,他的儿子已经离开重症监护病唐宁街说,色情性&肛交集合因感染新冠病毒住院色情性&肛交集合并重症监护的色情性&肛交集合首相约翰逊当色情性&肛交集合地时间12日中午出院。色情性&肛交集合
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55岁的约色情性&肛交集合翰逊因感染新冠病毒于4月色情性&肛交集合5日入住伦敦圣色情性&肛交集合托马斯医院,色情性&肛交集合期间在重症色情性&肛交集合监护度过三天。
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首相的父亲警告说,尽管约翰逊离开重症监护室,但在回到唐宁街领导工作之前,他必须修养一段时间来康复。
英国首相鲍里斯·约翰逊周四(4月9日)晚离开重症监护病房唐宁街说,色情性&肛交集合因感染新冠病毒住院色情性&肛交集合并重症监护的色情性&肛交集合首相约翰逊当色情性&肛交集合地时间12日中午出院。色情性&肛交集合
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唐宁街10号发言人表示,约翰逊在康复初期将继续留在医院普通病房唐宁街说,色情性&肛交集合因感染新冠病毒住院色情性&肛交集合并重症监护的色情性&肛交集合首相约翰逊当色情性&肛交集合地时间12日中午出院。色情性&肛交集合
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首相的父亲斯坦利·约翰逊(Stanley Johnson)接受BBC采访时表示,“他松了一口气”,并承认他的儿子差一点“为团队利益牺牲了自己”。
他表示,约翰逊没有希望很快重返工作岗位。 大臣们一直在揣测约翰逊唐宁街说,色情性&肛交集合因感染新冠病毒住院色情性&肛交集合并重症监护的色情性&肛交集合首相约翰逊当色情性&肛交集合地时间12日中午出院。色情性&肛交集合
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79岁的斯坦利表示,首相离开医院重症监护室, “作为(我们)家庭成员的代表,包括鲍里斯的家人、我的家人及各地的家人,我非常感激,当然也感谢民众给予(鲍里斯唐宁街说,色情性&肛交集合因感染新冠病毒住院色情性&肛交集合并重症监护的色情性&肛交集合首相约翰逊当色情性&肛交集合地时间12日中午出院。色情性&肛交集合
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他还说,首相这次重病 “让整个国家都意识到疫情的严重性”。
自从3月27日被确诊感染新冠肺炎之后,现年55岁的英国首相约翰逊·唐宁街说,色情性&肛交集合因感染新冠病毒住院色情性&肛交集合并重症监护的色情性&肛交集合首相约翰逊当色情性&肛交集合地时间12日中午出院。色情性&肛交集合
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当地时间4月6日晚7时许,约翰逊因症状加重被转入重症监护病房,唐宁街10号表示首相意识清醒,状态良好,为防止其病情恶化作为预防措施,其医疗团队建唐宁街说,色情性&肛交集合因感染新冠病毒住院色情性&肛交集合并重症监护的色情性&肛交集合首相约翰逊当色情性&肛交集合地时间12日中午出院。色情性&肛交集合
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出院后几小时内,色情性&肛交集合约翰逊在色情性&肛交集合推特发布视频,色情性&肛交集合感谢英国全民医色情性&肛交集合保体系的医护人员。色情性&肛交集合议将其转至重症监护病房。
首相的父亲接受BBC采访时表示:如果使用美国人的表达唐宁街说,色情性&肛交集合因感染新冠病毒住院色情性&肛交集合并重症监护的色情性&肛交集合首相约翰逊当色情性&肛交集合地时间12日中午出院。色情性&肛交集合
此前,色情性&肛交集合约逊发表声明,色情性&肛交集合感谢救治和照顾他的医护色情性&肛交集合人员:色情性&肛交集合“我欠他们一色情性&肛交集合条命。”
55岁的约色情性&肛交集合翰逊因感染新冠病毒于4月色情性&肛交集合5日入住伦敦圣色情性&肛交集合托马斯医院,色情性&肛交集合期间在重症色情性&肛交集合监护度过三天。
出院后几小时内,色情性&肛交集合约翰逊在色情性&肛交集合推特发布视频,色情性&肛交集合感谢英国全民医色情性&肛交集合保体系的医护人员。色情性&肛交集合方式,约翰逊差点为整个团队利益而牺牲自己。 我们必须确保现在要规规矩矩打好这场球。

Tuesday, January 7, 2020

जेएनयू: अहमदाबाद में एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच झड़प, 10 घायल

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी, जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का डेथ वॉरन्ट जारी हो गया है. पटियाला हाउस अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी, 2020 की तारीख़ सुबह सात बजे का समय तय किया है.

हालांकि, वे 14 दिनों के अंदर फांसी के ख़िलाफ़ दया याचिका और क्यूरेटिव पिटिशन दाख़िल कर सकते हैं.

निर्भया की मां ने पटियाला हाउस अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि जल्द से जल्द चारों दोषियों के लिए डेथ वॉरंट जारी किया जाए.

गैंगरेप और हत्या का मामले में अदालत अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को पहले ही दोषी क़रार दे चुकी थी.

कोर्टरूम में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार सुचित्र मोहंती ने बताया कि अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोषियों का पक्ष सुना. इस दौरान मीडिया को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग रूम से जाने के लिए कहा गया था.

दोषियों के वकील ए.पी. सिंह ने कहा कि वह इस फ़ैसले के लिए ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दायर करेंगे.

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि वो सात साल से दोषियों को सज़ा मिलने का इंतज़ार कर रही थीं. उन्होंने कहा, "मेरी बेटी को इंसाफ़ मिला है. चारों दोषियों को फांसी मिलने से देश की महिलाओं को ताक़त मिलेगी. इस फ़ैसले से लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास मज़बूत होगा."

इससे पहले, दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एक दोषी अक्षय कुमार की पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा था, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.''

चारों अपराधियों, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. फिर तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.

जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी, उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी, जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उसकी सज़ा पूरी हो चुकी है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उसे सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का डेथ वॉरन्ट जारी हो गया है. पटियाला हाउस अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी, 2020 की तारीख़ सुबह सात बजे का समय तय किया है.

हालांकि, वे 14 दिनों के अंदर फांसी के ख़िलाफ़ दया याचिका और क्यूरेटिव पिटिशन दाख़िल कर सकते हैं.

निर्भया की मां ने पटियाला हाउस अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि जल्द से जल्द चारों दोषियों के लिए डेथ वॉरंट जारी किया जाए.

गैंगरेप और हत्या का मामले में अदालत अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को पहले ही दोषी क़रार दे चुकी थी.

कोर्टरूम में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार सुचित्र मोहंती ने बताया कि अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोषियों का पक्ष सुना. इस दौरान मीडिया को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग रूम से जाने के लिए कहा गया था.

दोषियों के वकील ए.पी. सिंह ने कहा कि वह इस फ़ैसले के लिए ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दायर करेंगे.

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि वो सात साल से दोषियों को सज़ा मिलने का इंतज़ार कर रही थीं. उन्होंने कहा, "मेरी बेटी को इंसाफ़ मिला है. चारों दोषियों को फांसी मिलने से देश की महिलाओं को ताक़त मिलेगी. इस फ़ैसले से लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास मज़बूत होगा."

इससे पहले, दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एक दोषी अक्षय कुमार की पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा था, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.''

चारों अपराधियों, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. फिर तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.

जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी, उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.

肺炎疫情:英国首相父亲称“约翰逊差点为集体牺牲自己”

英国首相约翰逊的父亲表示,他的儿子已经离开重症监护病 唐宁街说, 色情性&肛交集合 因感染新冠病毒住院 色情性&肛交集合 并重症监护的 色情性&肛交集合 首相约翰逊当 色情性&肛交集合 地时间12日中午出院。 色情性&肛交集合 此前, 色情性&肛交集合 约逊发表声明, 色情...