Friday, February 15, 2019

伊朗女性今与昔:伊斯兰革命前后的对比

四十年前,伊朗爆发伊斯兰革命,国家和社会发生天翻地覆的变化,女性的地位和生存状态也不例外。

伊朗宗教领袖霍梅尼领导的伊斯兰革命冲击的一个重要领域是女性的服饰和发型。1930年代,伊朗国王下令禁止女性戴面纱、头巾,还授权警察在公共场合见到女性戴头巾时强行摘除。

到了1980年代,在政教合一体制下的伊朗教士掌权,当局颁布了一系列强制性着装规则,要求所有女性都戴上头巾(hijab)。

革命前后的伊朗妇女在相机镜头下的风貌,自然因此而迥异。

1977 年,德黑兰女大学生:革命爆发时,许多女性已经完成或正在接受高等教育,革命后的几年里,大学录取女生人数显著增多。部分原因是革命后上台的政府设法说服农村保守家庭允许女儿离家到外地上大学。

英国约克大学女性研究专业教授哈蕾·阿夫沙尔(Haleh Afshar)1960年代在伊朗长大。她说:“他们其实是想阻止女性上大学,但反弹极大,不得不允许她们重回大学校园。”

“有些受过良好教育的人离开了伊朗,当局意识到,为了治理国家,他们必须让男女都有机会接受高等教育。”

1976年,德黑兰街头鞋店橱窗前: 革命前,许多伊朗女性穿西式服装,包括紧身牛仔裤、超短裙和短袖上装。

阿夫沙尔教授说:“鞋子是永恒的,每个女人心里都埋藏着对鞋子的热情!在这件事上,伊朗女性跟世界其他国家的女性没什么不同。逛商店能让女性从日常的繁琐焦虑中解脱片刻。”

1976年,德黑兰郊外周五野餐:周五在伊朗算周末,亲友聚会一般在这一天。

阿夫沙尔教授说,野餐在伊朗文化中占重要地位,深得中产阶级喜爱。这一点既使在伊朗革命后也没变。不同的是现在野餐时男女坐在一起会更拘谨,互动交流也有更多克制。

1977年,德黑兰的发廊:阿夫沙尔教授说,像上图那样的场景现在在伊朗见不到了。不过,革命后理发店和发廊还有。

她说:”现在在发廊里见不到男性,女顾客知道一出发廊的门必须尽快盖住头发。有些人可能会在家里开地下发廊,男女不必隔离。“

1971年,国王和身边的卫士:波斯王朝建立2500年纪念庆典上,一名年轻女子试图靠近巴列维国王(右一)。那场庆典规模和声势之大,奢华之极,招致反对国王的左翼和宗教界势力。

阿夫沙尔教授说:”当时,国王已经非常不得人心,有人认为这种奢华和放纵可能引发了之后的一系列事件,最终在8年后引爆伊斯兰革命。

1976年,德黑兰白雪覆盖的街头一位行人:

阿夫沙尔教授说:”你无法阻止伊朗女性上街,但今天你看不到这样的场景 - 她的耳环和脸上的妆容一目了然。伊朗有这么一种概念,叫‘风化‘,就是行为的正派得体;现在伊朗街头行走的女性都会穿一件长及膝盖的罩衫并戴头巾。“

Friday, February 8, 2019

मायावती को सुप्रीम कोर्ट से झटका, CJI बोले- हाथियों और अपनी मूर्तियों पर खर्च पैसे लौटाएं

लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका की सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि BSP सुप्रीमो मायावती ने अपनी और हाथियों की मूर्तियां बनाने में जितना जनता का पैसा खर्च किया है, उसे वापस करना चाहिए. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कर रहे थे. इस मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में दायर रविकांत और अन्य लोगों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मायावती को मूर्तियों पर खर्च सभी पैसों को सरकारी खजाने में जमा कराना चाहिए. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मायावती के वकील को कहा कि अपने क्लाइंट को कह दीजिए कि सबसे वह मूर्तियों पर खर्च हुए पैसों को सरकारी खजाने में जमा कराएं.

आपको बता दें कि मायावती के द्वारा उत्तर प्रदेश में बसपा शासनकाल में कई पार्कों का निर्माण करवाया गया. इन पार्कों में बसपा संस्थापक कांशीराम, मायावती और हाथियों की मूर्तियां लगवाई गई थीं. ये मुद्दा इससे पहले भी चुनावों में उठता रहता है और विपक्षी इस मुद्दे पर निशाना साधते हैं. बसपा शासनकाल में ये पार्क लखनऊ, नोएडा समेत अन्य शहरों में बनवाए गए थे.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले भी 2015 में उत्तर प्रदेश की सरकार से पार्क और मूर्तियों पर खर्च हुए सरकारी पैसे की जानकारी मांगी थी. उत्तर प्रदेश में पूर्व की समाजवादी पार्टी सरकार इस मुद्दे पर बसपा को घेरते रहे हैं.

खर्च हुए थे करीब 6000 करोड़!

उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार के दौरान लखनऊ विकास प्राधिरकरण (LDA) के रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि लखनऊ, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बनाए गए पार्कों पर कुल 5,919 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे.

रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा स्थित दलित प्रेरणा स्थल पर BSP के चुनाव चिन्ह हाथी की पत्थर की 30 मूर्तियां जबकि कांसे की 22 प्रतिमाएं लगवाई गईं थी. इसमें 685 करोड़ का खर्च आया था. इसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन पार्कों और मूर्तियों के रखरखाव के लिए 5,634 कर्मचारी बहाल किए गए थे.

गौरतलब है कि 2012 विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. तब अखिलेश ने मायावती पर 40 हजार करोड़ के मूर्ति घोटाले का आरोप लगाया था.

肺炎疫情:英国首相父亲称“约翰逊差点为集体牺牲自己”

英国首相约翰逊的父亲表示,他的儿子已经离开重症监护病 唐宁街说, 色情性&肛交集合 因感染新冠病毒住院 色情性&肛交集合 并重症监护的 色情性&肛交集合 首相约翰逊当 色情性&肛交集合 地时间12日中午出院。 色情性&肛交集合 此前, 色情性&肛交集合 约逊发表声明, 色情...